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पश्चिमी वेनेजुएला और कोलंबिया के कुछ हिस्सों में भूकंप के तेज झटके


विदेश 25 September 2025
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पश्चिमी वेनेजुएला और कोलंबिया के कुछ हिस्सों में भूकंप के तेज झटके

काराकास (वेनेजुएला), 25 सितंबर । पश्चिमी वेनेजुएला और कोलंबिया के कुछ हिस्सों में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। अभी तक किसी भी तरह के नुकसान या किसी के भी हताहत की सूचना नहीं है। वेनेजुएला भूकंप अनुसंधान संस्थान का कहना है कि 24 सितंबर को देश के पश्चिमी भाग में दो बार भूकंप आया। पहला भूकंप शाम 6:22 बजे दर्ज किया गया। इसका केंद्र ट्रूजिलो राज्य के ला सेइबा से 40 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में रहा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.4 और गहराई 26.5 किलोमीटर थी।

वेनेजुएला के ऑनलाइन समाचार माध्यम एल नेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, इसके कुछ देरबाद शाम 6:29 बजे दूसरा भूकंप आया। इसका केंद्र ज़ूलिया के बाचाक्वेरो से 58 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था। इसकी तीव्रता 4.9 और गहराई 34.3 किलोमीटर थी। भूकंप के झटके ज़ूलिया, फाल्कन, लारा, कैपिटल डिस्ट्रिक्ट, याराक्यू, पोर्टुगुसा और ट्रूजिलो जैसे राज्यों के साथ-साथ कोलंबिया के कई अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए।

कुछ घंटे पहले कोलंबियाई भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और चिली के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने 6.0 से 6.3 की प्रारंभिक तीव्रता वाले भूकंप की सूचना दी थी। इनका अनुमानित केंद्र सबाना डी मेंडोज़ा (ट्रूजिलो) से 42 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बताया गया था। कुछ प्रारंभिक रिपोर्टों में केंद्र माराकाइबो झील के पूर्वी तट पर मेने ग्रांडे और बाचाक्वेरो (ज़ूलिया) जैसे क्षेत्रों में बताया गया।

उल्लेखनीय है कि भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भू-गर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में झटका तेज होता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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